PDF Name | श्री सूक्त पाठ | Shri Suktam path |
No. of Pages | 12 |
PDF Size | 0.71 MB |
PDF Category | Religion & Spirituality |
Language(s) | Hindi, Sanskrit |
Pdf Source/Credits | shdvef.com |
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Shri Suktam path in hindi pdf full details:
श्री सूक्त – मंगलमय जीवन के लिए एक शक्तिशाली मंत्र
श्री सूक्त एक प्राचीन और शक्तिशाली मंत्र है, जो वैदिक ग्रंथों में पाया जाता है। यह देवी लक्ष्मी की स्तुति में लिखा गया है, जो धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी हैं। श्री सूक्त का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति, और धन प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।
श्री सूक्त का महत्व: (Importanace of Shri Suktam Stotra)
- समृद्धि और धन लाभ: श्री सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिति सुधरती है और धन लाभ के अवसर बढ़ते हैं।
- सौभाग्य और सफलता: यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य लाता है और उसकी सफलता की संभावना बढ़ाता है।
- नकारात्मकता का नाश: श्री सूक्त का पाठ नकारात्मक ऊर्जा और विचारों को दूर करने में सहायक होता है और सकारात्मकता का संचार करता है।
- शांति और खुशहाली: यह मंत्र मन को शांति प्रदान करता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
श्री सूक्त का पाठ: (Shri Suktam Path)
- श्री सूक्त का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह सूर्योदय से पहले या शाम को सूर्यास्त के बाद का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा की ओर बैठ जाएं।
- श्री सूक्त के मंत्रों का शुद्ध उच्चारण के साथ 11, 21, 51 या 108 बार पाठ करें।
- पाठ के बाद देवी लक्ष्मी का ध्यान करें और उनसे अपने जीवन में समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगें।
श्री सूक्त के प्रमुख मंत्र:
- ॐ अस्य श्रीसूक्तस्य महादेवऋषिः, विराजाम छन्दः, लक्ष्मीर्देवता, श्रीकारबीजं, क्लीं शक्तिस्तथा।
- ॐ इमां अप्सरो देवजुष्टां हुवेम देवीं लक्ष्मीं वशिनोमी, घृतैः सुक्ताय सुहवा सुवीरां भगद्रूपां अक्षय्ये लक्ष्म्या देवी, ज्योतिष्पदा जगत्प्रसूता अहं ब्रह्मास्मि, स्वधा मे स्वाहा मे तेजो मे यशो मे श्री: मे लक्ष्मी: मे वीर्यं मे तेजस्विनी भवानी त्वं मे माता भवानी त्वं मे पिता भवानी त्वं मे बन्धु: भवानी त्वं मे सर्वस्वं सव्वं मयि समाहितं ते नमो देव्यै लक्ष्म्यै तेजस्विनी।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलायै नमः।
- ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वसौभाग्यदाये। लोके च किलोके च सर्वमिष्टं कृपाये।।
श्री सूक्त का सारांश:
श्री सूक्त में देवी लक्ष्मी की विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। मंत्रों में देवी लक्ष्मी से जीवन में समृद्धि, सौभाग्य, और शांति प्रदान करने की प्रार्थना की गई है। यह मंत्र व्यक्ति को नकारात्मकता दूर करने और सकारात्मकता का संचार करने में सहायता करता है।
ध्यान दें:
- श्री सूक्त का पाठ करते समय श्रद्धा और विश्वास होना आवश्यक है।
- मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करना महत्वपूर्ण है।
- नियमित रूप से श्री सूक्त का पाठ करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है।